प्रदूषण से होती है मानसिक बीमारी, ये लोग होते हैं ज्यादा प्रभावित

प्रदूषण से होती है मानसिक बीमारी, ये लोग होते हैं ज्यादा प्रभावित

अम्बुज यादव

हिन्दुस्तान में प्रदूषण से हो रही बीमारियों के काफी चर्चें हो रहे हैं। वह इसलिए क्योंकि देश में प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस लेने और रहन सहन में काफी दिक्कत हो रही है। सांस लेने, आंखों में जलन और फेफड़ों में दर्द जैसी बीमारी प्रदूषण की वजह से तो हो ही रहे हैं, जो काफी लोगों से सुनने को भी मिला है, लेकिन क्या आपको पता है कि प्रदूषण से शारीरिक बीमारी के अलावा मानसिक बीमारी भी काफी बढ़ रही है। जी हां आपको बता दे कि हाल ही में एक स्टडी से पता चला है कि, हद से ज्यादा प्रदूषित हवा के बीच में रह रहे लोगों में डिप्रेशन और खुदकुशी करने की आशंका बढ़ जाती है। यह सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है, बल्कि इस समस्या से विश्व के करीब 16 देश जूझ रहे हैं। बदलते समय के साथ ये बीमारी लोगों में काफी बढ़ रही हैं, तो आइए आज हम जाननें की कोशिश करते है कि आखिर प्रदूषण होने वाली मानसिक बीमारी से क्या प्रभाव पड़ता है औऱ इसका असर किन लोगों पर ज्यादा होता हैं?

पढ़ें- सर्दियों में इन तरीकों से दूर करें पैरों का रूखापन

वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर
इन्वायरनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नाम के जर्नल में प्रकाशित यह स्टडी अब तक की पहले सिस्टमैटिक स्टडी है जिसमें इस बात को साबित किया गया है कि वायु प्रदूषण और मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स के बीच कनेक्शन है। यूके की यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के वैज्ञानिकों ने नौ स्टडी से मिले डेटा का विश्लेषण किया, जिसमें पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 2.5 प्रदूषण का वयस्कों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर के बारे में जानकारी दी गई थी।

शरीर में बढ़ जाते हैं टेंशन वाले हॉर्मोन
अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि जैसे-जैसे प्रदूषण का लेवल बढ़ा, वैसे-वैसे खुदकुशी की तादाद और डिप्रेशन की चपेट में आने वाले लोगों की तादाद भी बढ़ी है। खराब हवा में मौजूद कण रक्तप्रवाह और नाक दोनों के जरिए दिमाग तक पहुंच सकते हैं और दिमाग में सूजन, तंत्रिका कोशिकाओं को नुकसान और टेंशन वाले हॉर्मोन को बढ़ा सकते हैं।

सांस लेनी वाली हवा का साफ और शुद्ध होना जरूरी
स्टडी के लीड ऑथर आईसोबेल ब्रैथवेट कहते हैं, हम पहले से ही इस बात को जानते हैं कि वायु प्रदूषण हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है। इसकी वजह से हार्ट से लेकर लंग्स तक की कई बीमारियां, स्ट्रोक और डिमेंशिया का खतरा भी काफी अधिक रहता है। लेकिन अब हम इस बात को भी दिखा रहे हैं कि वायु प्रदूषण हमारी मानसिक सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। लिहाजा हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं उसका साफ और शुद्ध होना कितना जरूरी है।

पढ़ें- पौष्टिक आहार से कैंसर के खतरे को किया जा सकता है कम

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।